गढ़वा: भाजपा विधायक सत्येन्द्रनाथ तिवारी ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा की जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में हिन्दी, अंग्रेजी, भोजपुरी और मगही को जोड़ने की मांग को लेकर आंदोलन की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि गढ़वा, पलामू और लातेहार में क्षेत्रीय भाषा के रूप में लोग हिन्दी, भोजपुरी, मगही और अंग्रेजी का प्रयोग करते है। लेकिन राज्य सरकार ने एक साजिश के तहत उक्त भाषा को हटा दिया है। उन्होंने राज्य सरकार से अविलंब उक्त सभी भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करने की मांग की है।
विधायक श्री तिवारी सोमवार को क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर एसपी से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान वहां पर मौजूद जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आएं डिजिटल प्रज्ञा केन्द्र संचालकों ने विधायक को ज्ञापन सौंपा। प्रज्ञा केन्द्र संचालकों ने विधायक से सभी पंचायत में स्थित पंचायत भवन में मौजूद डिजिटल प्रज्ञा केन्द्र के माध्यम से मनरेगा, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र, पीडीएस का कार्य कराने की मांग की।
विधायक ने कहा कि पलामू प्रमंडल की क्षेत्रीय भाषाओं को सूची में जोड़ने के लिए जल्द ही आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब किसी भी हाल में पलामू प्रमंडल के साथ सौतेला व्यवहार नही होने दिया जाएगा। झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा की जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में हिन्दी, अंग्रेजी, भोजपुरी और मगही को जोड़ने के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ी जाएगी। गढ़वा, पलामू और लातेहार में झामुमो नेताओं का हुक्का-पानी बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां के बोलचाल की भाषा को अगर क्षेत्रीय भाषा की सूची में नही जोड़ी गई, तो बाध्य होकर झामुमो नेताओं को पलामू प्रमंडल में घूसने नही दिया जाएगा। जब झामुमो नेताओं को पलामू प्रमंडल के युवाओं को कोई चिंता ही नही हैं, तो पलामू प्रमंडल में क्यों घूसने दिया जाएगा।
विधायक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा की सूची में ऐसी कई भाषाएं हैं, जो झारखंड में अव्यवहारिक है। उन्होंने पलामू प्रमंडल के सभी सत्ताधारी दलों के विधायकों से भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भाषाई मामले में एक मंच आने की अपील की। उन्होंने कहा कि आखिर पलामू प्रमंडल युवा और पढ़े-लिखे लोग कहा जाएंगे। जिस क्षेत्रीय भाषा का उन्हें कोई ज्ञान नही है, ऐसे में वे परीक्षा कैसे उत्तीर्ण करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार से अविलंब इस मामले में पहल करने की मांग की है।
उन्होंने पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि झामुमो के लोगों को सिर्फ गढ़वा सहित पलामू प्रमंडल के लोगों का वोट चाहिए। भाषाई विषय के मामलें में अब तक पूर्व मंत्री क्यों चुप है। उन्हें इस मामलें में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। झामुमो के गलत नीति और नियम के कारण राज्य के युवा दर-दर की ठोकरे खाने को विवश है। महागठबंधन की सरकार में पलामू प्रमंडल के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने सभी सत्ताधारी दलों के विधायकों से भी इस मामलें में एक मंच पर आने की अपील की है।